धूप हो कड़ी तो क्या
तीरगी1 घनी तो क्या
लक्ष्य का अमृत भी तू
पायेगा पर इतना तो कर
प्यास बरकरार रख
तू प्यास बरकरार2 रख
मंजिलें कभी कभी
अदृश्य3 जो लगें तुझे
तू तनिक आराम कर
एक गहरी सांस भर
आस बरकरार रख
तू प्यास बरकरार रख
राह हो, थकान हो
बाधाएँ तमाम हों
नींद भी गर ले पथिक
जगे हुए ख्वाब संग
रास बरकरार रख
तू प्यास बरकरार रख
हाँ, छूटते हैं आसरे
हाँ, छूटते हैं काफिले
पर सांस छूटने तलक
दिल में हौसलों का तू
वास बरकरार रख
तू प्यास बरकरार रख
बस धड़कने से ही नहीं
दिल हो जाता दिल है
आदमी बने इन्सान
इसीलिए दिल में तू
आभास4 बरकरार रख
तू प्यास बरकरार रख
Photo Courtesy: Flickr and Flickr
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तीरगी: Darkness
बरकरार रख: Don't let it die
अदृश्य: Invisible
आभास: Feelings
brimming with positivity :) eagerly waiting for part 2
ReplyDeleteAmazing lines, bhaai... 2nd paragraph is perhaps the best...
ReplyDeleteLoved it...
:-)-)-)
Hausla afzahi ke liye shukriya!
ReplyDeleteबस धड़कने से ही नहीं
ReplyDeleteदिल हो जाता दिल है
आदमी बने इन्सान
इसीलिए दिल में तू
आभास4 बरकरार रख
तू प्यास बरकरार रख....
Waah waah....:)...koi softdrink co. ko bechega kya??