सरापा1 इश्क ही से भरपूर था वो,
कुछ लोग उसे मसीहा कहते हैं |
अंदाज़ उन के भी अजीब कम नहीं,
कभी निहां2 कभी नुमाया3 रहते हैं |
उनके दरमियाँ4 बस मोहब्बत ही थी,
बाकी कहें, कैसे इक दूजे को सहते हैं |
आखिर डूब गया, वो जो कहता था,
कि आ चल दोनों संग संग बहते हैं |
वक़्त धीमे धीमे रिसता5 ही जायेगा,
ऐसे बाँध यक-ब-यक6 नहीं ढहते हैं |
Photo Courtesy: Flickr
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सरापा - From head to toe
निहां - Hidden
नुमाया - Visible
दरमियाँ - Inbetween
रिसना - Leakage
यक-ब-यक - Suddenly
gud hai
ReplyDeletekya baat!! bahut khoob..
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