निर्वात1 होता है वहाँ
जहाँ कुछ और नहीं होता
निश्छल, नि:स्वार्थ2
मानो कहता है
जो तुम ले सको ले लो
जो बच जायेगा वो मेरा
अरर्र मेरा नहीं, मैं
जो बचा वहाँ मैं
इतना स्वतंत्र कि
कभी कैद नहीं होता
आकाशगंगा की
अनंत सीमाओं में भी
फिर क्यूँ हम डरते हैं
निर्वात से भागते हैं
नहीं चाहते रहे वो
हमारे अन्दर या
हम वहाँ
ना हमें निश्छलता भाई
ना स्वतंत्रता और ना पावनता
हम बस
मनुष्य ही बनकर रह गए
हम निर्वात में नष्ट होते हैं
नहीं सह सकती हमारी
कमज़ोर धमनियां3
इतनी शुद्धता, पावनता
हम इतने कलुषित हो गए हैं
कि पावनता भक्षक हो गयी है
वातावरण धंसे हैं सारे
निर्वातावरण में ही
यही है जो होते हुए भी
नहीं होने का रूप लिए है
निर्वात होता है वहाँ
जहाँ कुछ और नहीं होता
निर्वात सत्य है - सत्य
'कुछ और' कभी नहीं होता
बस सत्य होता है
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1. निर्वात = Vacuum
2. नि:स्वार्थ = Selfless
3. धमनियां = Nerves